Sabihuddin Shaibi

Sabihuddin Shaibi

@sabihuddin-shaibi

Sabihuddin Shaibi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Sabihuddin Shaibi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Ghazal
  • Nazm
मैं ने देखा है कैसा ये सपना नया रात के इस पहर
मुझ से बिछड़ा हुआ कोई अपना मिला रात के इस पहर

नींद क्यों उड़ गई चैन क्यों खो गया रात के इस पहर
ये अचानक मिरे साथ क्या हो गया रात के इस पहर

यूँ लगा मुझ को जैसे फ़ज़ा ख़ुश्बूओं से महकने लगी
फिर किसी की गली से चली है हवा रात के इस पहर

दिल में जागी है कैसी तमन्ना नई ख़ुद मैं हैरान हूँ
इक नई आरज़ू ने मुझे छू लिया रात के इस पहर

एक मंज़िल बसी थी निगाहों में जाने वो क्या हो गई
और ख़ुद-बख़ुद एक गुलशन बसा रात के इस पहर

उस की बिखरी हुई लट ने उलझाए रक्खा मुझे और मैं
चाहता था हटा दूँ न मुमकिन हुआ रात के इस पहर

और क्या कीजिएगा 'सबीह' उस की अब आप मंज़र-कशी
पल जो आया और आ कर चला भी गया रात के इस पहर
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Sabihuddin Shaibi