Sardar Soz

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Sardar Soz shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Sardar Soz's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
बुझे चराग़ जलाने में देर लगती है
नसीब अपना बनाने में देर लगती है

वतन से दूर मुसाफ़िर चले तो जाते हैं
वतन को लौट के आने में देर लगती है

तअ'ल्लुक़ात तो इक पल में टूट जाते हैं
किसी को दिल से भुलाने में देर लगती है

बिखर तो जाते हैं पल-भर में दिल के सब टुकड़े
मगर ये टुकड़े उठाने में देर लगती है

ये उन की याद की ख़ुशबू भी कैसी है ख़ुशबू
चली तो आती है जाने में देर लगती है

वो ज़िद भी साथ में लाते हैं जाने जाने की
ये और बात कि आने में देर लगती है

ये घोंसले हैं परिंदों के उन को मत तोड़ो
उन्हें दोबारा बनाने में देर लगती है

वो दौर-ए-इश्क़ की रंगीं हसीन यादों के
नुक़ूश दिल से मिटाने में देर लगती है

ये दाग़-ए-तर्क-ए-मरासिम न दीजिए हम को
जिगर के दाग़ मिटाने में देर लगती है

ख़बर भी है तुझे दिल को उजाड़ने वाले
दिलों की बस्ती बसाने में देर लगती है

तुम्हें क़सम है बुझाओ न प्यार की शमएँ
उन्हें बुझा के जलाने में देर लगती है

भुलाऊँ कैसे अचानक किसी का खो जाना
ये हादसात भुलाने में देर लगती है

ज़रा सी बात पे हम से जो रूठ जाते हैं
उन्हें तो 'सोज़' मनाने में देर लगती है
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