Tabassum Zia

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@tabassum-zia

Tabassum Zia shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Tabassum Zia's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Nazm
1
कल्लन की ख़ुद-कलामी

मैं ब्याह रचाऊँगी
कुछ रूपए हो जाएँ
मैं कचरा अच्छी तरह साफ़ कर सकती हूँ
बर्तन मांज लेती हूँ
झाड़न भी चला लेती हूँ
मुझे खाना बहुत अच्छा पकाना आता है
मैं कोठियों में काम करूँगी
कुछ रूपए हो जाएँ तो अपना ब्याह रचाऊँगी
2
कल्लन पोछा लगाती है तो पिंडलियाँ नंगी हो जाती हैं
कभी चाक सँभालती है तो दुपट्टा गिर जाता है
सीढ़ियाँ उतरने में ख़ूब एहतियात करती है मगर छातियाँ तो छलकती हैं
पोछा लगाने में ख़ूब ज़ोर लगता है लेकिन कूल्हे हैं कि भारी होते जाते हैं

3
(कल्लन का अपने बिखरे हुए बालों से कलाम

ये कॉकरोच गंदगी को क्यूँ पसंद करते हैं
मैं ने उसे रोकने के बहुत जतन किए
मगर वो नाली में उतर गया
और कुछ देर बा'द मुझ से दूर बैठ कर अपने हास्से चाटने लगा

4
अब कल्लन दाज ख़ूब बना सकती है
लेकिन उसे सुहाग रात का इंतिज़ार नहीं
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