Ulfat Batalvi

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Ulfat Batalvi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ulfat Batalvi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
मैं जानता हूँ कि सारे बुरे नहीं होते
मगर ये सच है कि सब एक से नहीं होते

मिरे परों में अगर हौसले नहीं होते
ये आसमाँ मेरे आगे झुके नहीं होते

मिरे सनम जो मुझे तुम मिले नहीं होते
सुकून-ए-दिल से मिरे राब्ते नहीं होते

ज़मीन पानी हवा देख भला सब कुछ है
न जाने क्यों मेरे बूटे हरे नहीं होते

ये तेरा क़द है जो रखता है अहमियत वर्ना
ख़ुश-आमदीद को सारे झुके नहीं होते

अदालतों से जुड़े सारे दावेदारों में
ये चुग़लियाँ हैं सही फ़ैसले नहीं होते

जो हो सके तो ज़बाँ को ज़रा सरल रखना
बहुत से नेता ज़ियादा पढ़े नहीं होते

मिरे ख़ुदा की इनायत अगर नहीं होती
मिरे चराग़ हवा में जले नहीं होते

तमाम उम्र कई लोग छोटे रहते हैं
बुलंदियों पे भी जा कर बड़े नहीं होते
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Ulfat Batalvi