Vinod Kumar Tripathi Bashar

Vinod Kumar Tripathi Bashar

@vinod-kumar-tripathi-bashar

Vinod Kumar Tripathi Bashar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Vinod Kumar Tripathi Bashar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
  • Nazm
गिला तो उन को भी है मैं जिन्हें मिला ही नहीं
न जाने कितने फ़सानों में हूँ पता ही नहीं

कोई तो पूछे ज़रा हाल उन अँधेरों से
कि जिन के पहलू में सूरज कभी उगा ही नहीं

उसे है आज भी रंज-ओ-मलाल ये मुझ से
कि दिल पे उस की किसी बात को लिया ही नहीं

लो खेल खेल में बनने को बन गई कश्ती
मगर मिज़ाज समुंदर का कुछ पता ही नहीं

वो शोर किस का था शब भर कि नींद टूट गई
मिरे सिवा तो कोई और घर में था ही नहीं

हुआ यूँ करते हैं तूफ़ाँ से लोग ख़ौफ़-ज़दा
कि जैसे उस के थपेड़ों में कुछ मज़ा ही नहीं

ये नूर-ए-सुब्ह है आग़ाज़ सिर्फ़ इक दिन का
वो दिन जो शाम गुज़रते कभी रहा ही नहीं

अभी से कर न मुक़र्रर तू मेरा वक़्त-ए-हिसाब
कि ज़िंदगी तुझे मैं ने अभी जिया ही नहीं

ख़लिश जहाँ की नुमायाँ हैं मेरी ग़ज़लों में
वो दर्द भी है मिरा जो मुझे मिला ही नहीं
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Vinod Kumar Tripathi Bashar