Yaseen Afzal

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Yaseen Afzal shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Yaseen Afzal's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
पलकों पे रुका क़तरा-ए-मुज़्तर की तरह हूँ
बाहर से भी बेचैन मैं अंदर की तरह हूँ

बाहर से मिरे जिस्म की दीवार खड़ी है
अंदर से मैं इक टूटे हुए घर की तरह हूँ

नज़रों से गिरा दो कि मुझे देवता मानो
पत्थर के तराशे हुए पैकर की तरह हूँ

छाई हैं मिरे सर पे सियह-पोश घटाएँ
मैं सुब्ह में भी शाम के मंज़र की तरह हूँ

अंदर की चटानों से न टकरा के बिखर जाऊँ
मैं बिफरा हुआ ख़ुद पे समुंदर की तरह हूँ

तुम जल्वा-नुमा हो तो खुली हैं मिरी आँखें
आ लिपटो बदन से तो मैं चादर की तरह हूँ

रहता है कहीं जिस्म भटकती है कहीं रूह
घर में हूँ मगर आज मैं बे-घर की तरह हूँ

अक़दार की उठती हुई दीवार में चुन लो
रस्ते में पड़ा मैं किसी पत्थर की तरह हूँ
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Yaseen Afzal