Yawar Abbas

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@yawar-abbas

Yawar Abbas shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Yawar Abbas's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
कुछ लोग जो नख़वत से मुझे घूर रहे हैं
माहौल से शायद ये बहुत दूर रहे हैं

क्या कहिए कि क्या हो गया इस शहर का आलम
जिस शहर में उल्फ़त के भी दस्तूर रहे हैं

मजबूर किसे कहते हैं ये कौन बताए
पूछे कोई उन से कि जो मजबूर रहे हैं

कुछ लोग सर-ए-दार रहे हों तो रहे हों
हम हैं कि बहर-तौर सर-ए-तूर रहे हैं

हँसते हुए चेहरों पे न जा सीनों में उन के
हालात के टकराव से नासूर रहे हैं

ऐ शैख़ ग़नीमत है अगर हम को समझ लो
हम मंसब-ए-तस्दीक़ पे मामूर रहे हैं

इक तुम कि ख़ुदाई के भी दावे रहे तुम को
इक हम कि इस इक़रार से मअज़ूर रहे हैं

सुक्कान-ए-हरम क्या हैं ये मुझ से कोई पूछे
अल्लाह के घर में भी ये मग़रूर रहे हैं

एहसान बड़ा बोझ है इस ख़ौफ़ से 'यावर'
दीवार के साए से भी हम दूर रहे हैं
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Yawar Abbas
भीगी पलकें शौक़ का आलम वक़्त का धारा क्या नहीं देखा
हँसते आँसू तल्ख़ तबस्सुम मीठा ग़ुस्सा क्या नहीं देखा

छलनी सीने रौशन चेहरे ख़ूनीं आँखें रंगीं दामन
ठंडी आहें वीराँ नज़रें हश्र-ए-तमन्ना क्या नहीं देखा

राह पे पहरे नुत्क़ पे क़दग़न शौक़ की यूरिश दिल की धड़कन
बोलती नज़रें बोझल पलकें ग़मगीं चेहरा क्या नहीं देखा

सोती क़िस्मत जागते इंसाँ उजड़ी बस्ती शम-ए-फ़रोज़ाँ
झूटे क़िस्से उल्टी तोहमत बात का बनना क्या नहीं देखा

बिखरी ज़ुल्फ़ें उलझी बातें आँख में शोख़ी लब पे तबस्सुम
खलती कलियाँ झूमती डाली हश्र सरापा क्या नहीं देखा

बज़्म-ए-चराग़ाँ झूटी ख़ुशियाँ नख़वत-ए-साक़ी तिश्ना-दहानी
गर्दिश-ए-साग़र आलम-ए-मस्ती तुंदी-ए-सबा क्या नहीं देखा

फूल सी बाहें लर्ज़ां सीना साँस उलझते भोली बातें
नीची नज़रें पहली लग़्ज़िश दिल का तक़ाज़ा क्या नहीं देखा

'यावर' हम को पा न सकोगे जैसे अब हैं ऐसे कब थे
दिल की नज़ाकत जुर्म-ए-मोहब्बत कुफ़्र-ए-तमन्ना क्या नहीं देखा

आज भी 'यावर' हँसते हँसते आँख में आँसू आ जाते हैं
दर्द की मौजें ख़ून की लहरें आग का दरिया क्या नहीं देखा
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