कब तलक यूँ रोया और पीटा करे कोई - Rakesh Mahadiuree

कब तलक यूँ रोया और पीटा करे कोई
लौटे नइँ गर जाने वाला क्या करे कोई

काँटा पथ में हो तो हाथों से हटाएँ भी
काँटा क़िस्मत ही में हो तो क्या करे कोई

सादगी ने किस तरह दीवाने को मारा
सादगी के नाम से तौबा करे कोई

आख़िरी संदेश में दीवाने ने बोला
है बुरा होता ही जो अच्छा करे कोई

आपको देखे बिना तो चैन ही नइँ हो
किस तरह जी आपसे पर्दा करे कोई

प्यार में कुछ छूट हो तो बात भी होती
प्यार ही जब ऐसा हो तो क्या करे कोई

दिलबरी का काम भी क्या ख़ूब है मेरा
पास मेरे जान के बैठा करे कोई

छोड़कर दुनिया चला कैसे नहीं जाता
कब तलक ही दर्द से तड़पा करे कोई

जिस तरह से उसने बस झगड़ा किया मुझसे
उस तरह से अब कहाँ झगड़ा करे कोई

आँखों के सोझा भी तो मंज़र हज़ारों हैं
कब तलक बस उनको ही देखा करे कोई

दाँव पे मेरी जवानी किस कदर आई
काश मेरे हक़ में भी सज़दा करे कोई

जाम गर देना नहीं तो मत दे रे साक़ी
प्याला लेके पास में बैठा करे कोई

जिस तरह से उसने बस धोखा दिया मुझको
उस तरह से अब नहीं धोखा करे कोई

जैसे मम्मी ने मेरी माया किया मेरा
वैसे अब मेरा कहाँ माया करे कोई

खोल कर दिल सामने रखता है ज़ालिम के
क्या भला 'राकेश' से धोखा करे कोई

- Rakesh Mahadiuree
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