फिर चोट खा के दिल ये मुझसे ख़फ़ा हुआ है
छोड़ो भी कौनसा यह पहली दफ़ा हुआ है
यह वो पगार है जो ताउम्र बस घटेगी
इस प्यार में भला कब कोई नफ़ा हुआ है
किसकी सुनें हिकायत किसको करें शिकायत
कैसे बताएँ सबको वो पुरजफ़ा हुआ है
इस जाम को भरा है मैंने लहू से अपने
यह जाम जो भी पी ले वो बावफ़ा हुआ है
ताक़त की बस इबादत करते हैं आजकल सब
जिसने दिखाई हिम्मत वो मुस्तफ़ा हुआ है
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