बहुत ग़ुस्से भरा लहजा तुम्हारा
मगर मीठा लगा बोसा तुम्हारा
गुलाबी गाल, बिंदी, और काजल
चमकता चाँद सा मुखड़ा तुम्हारा
बड़ी हलचल मची बारातियों में
अचानक देख कर ठुमका तुम्हारा
हमारी शेरवानी जँच रही तो
क़यामत ढा रहा लहँगा तुम्हारा
किसी के पास तो महफ़ूज़ होगा
बरेली में गिरा झुमका तुम्हारा
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