वही खिड़की वही रस्ता हमारा
बहुत मशहूर था कि़स्सा हमारा
गुज़रते हैं गली से तेरी अब भी
बदलता ही नहीं रस्ता हमारा
उसी को हम चलो मज़बूत कर लें
बचा जैसा भी है रिश्ता हमारा
हमें ये डर सताये जा रहा है
तुम्हारे बाद क्या होगा हमारा
तुम्हारे हाथ फूलों से भरें हैं
किताबों से भरा बस्ता हमारा
कभी हम भी किसी को याद आते
कोई तो रास्ता तकता हमारा
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