आँख से जब तुम्हारी उतारे गए - Ankit Raj

आँख से जब तुम्हारी उतारे गए
जाँ बचानी पड़ी, जिस्म हारे गए

हिज्र में तो तुम्हारे यही बस हुआ
रात काटी गई , दिन गुज़ारे गए

इश्क़ का भूत चढ़ने लगा था हमें
एक इक कर के हम यार सारे गए

चाँद पीछे तुम्हारे था पहले गया
धीरे धीरे से फिर ये सितारे गए

तितलियों को बुलाया गया और फिर
रंग फूलों से तेरे निखारे गए

- Ankit Raj
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