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Top 10 of
Binte Reshma
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नज़र चुरा के कहा बस यही मुक़द्दर था
बिछड़ने वाले ने मलबा ख़ुदा पे डाल दिया
Binte Reshma
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यूँ तो समेट लाई थी हर चीज़ गाँव से
धागे तुम्हारे नाम के बरगद पे रह गए
Binte Reshma
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कौन देगा सुकून आँखों को
किस को देखें कि नींद आ जाए
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हार जाने पे लोग कहते हैं
कौन झगड़ा करे मुक़द्दर से
Binte Reshma
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ये दर्द के टुकड़े हैँ अशआर नहीं अज़रा
हम लफ़्ज़ों के धागों में ज़ख्मों को पिरोते हैँ
Binte Reshma
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तुझको पाकर भी कुछ नहीं पाया
तेरे होके भी बे-सहारे हैं
Binte Reshma
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अब लग चुकी है दर्द के मौसम की लत मुझे
अब देर हो चुकी है बहुत रोक मत मुझे
Binte Reshma
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तुम मेरे ज़ेहन से उतर जाओ
मैं तुम्हें उम्र भर दुआ दूँगी
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एक साया है घने पेड़ का मेरे सर पर
एक आँचल से मुझे ठंडी हवा आती है
Binte Reshma
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तुमसे सौदा हुआ था लम्हों का
तुमने सदियाँ उदास कर डालीं
Binte Reshma
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