Kalidas Gupta Raza

Kalidas Gupta Raza

@kalidas-gupta-raza

Kalidas Gupta Raza shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Kalidas Gupta Raza's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
क़लम उठाऊँ मुसलसल रवाँ-दवाँ लिख दूँ
कोई पढ़े न पड़े मैं कहानियाँ लिख दूँ

जहाँ तक आएँ तसव्वुर में वादियाँ लिख दूँ
फिर उन पे नाम तुम्हारा यहाँ वहाँ लिख दूँ

जहाँ मिले मुझे रोटी उसे लिखूँ धरती
जहाँ पहुँच न सकूँ उस को आसमाँ लिख दूँ

निकल चलूँ कहीं हुस्न-ओ-जुनूँ के जंगल में
हिरन की आँख में काजल की डोरियाँ लिख दूँ

कहानी ख़त्म हुई लेकिन इस का क्या कीजे
जो लफ़्ज़ याद अब आए उन्हें कहाँ लिख दूँ

जो ज़ेहन में हैं हुरूफ़ उन को काम में लाऊँ
जो दुख पड़े ही न हों उन की दास्ताँ लिख दूँ

कुछ ऐसा पत्र लिखूँ आप को जो भा जाए
मरा हूँ आप के गिन अपनी ख़ामियाँ लिख दूँ

ग़ज़ल तो कह दूँ 'रज़ा' ये भी तो इजाज़त हो
जिसे तू हिंदवी कहता था वो ज़बाँ लिख दूँ
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Kalidas Gupta Raza
मंज़िल की धूम धाम से जब जी उचट गया
रह-गीर जैसे सैंकड़ों रस्तों में बट गया

अफ़्सोस दिल तक आने की राहें न खुल सकीं
कोई फ़क़त ख़याल तक आ कर पलट गया

हम तौल बैठे सुब्ह-दम इंसाँ को साए से
सूरज के सर पे आते ही साया सिमट गया

क्या जाने किस चटान से टकरा गया है दिल
चलता हुआ सफ़ीना अचानक उलट गया

अब कोई ढूँड-ढाँड के लाओ नया वजूद
इंसान तो बुलंदी-ए-इंसाँ से घट गया

मंज़िल पे गर्द-ए-वहम-ओ-गुमाँ थी वो धुल गई
रस्ते में अक़्ल ओ होश का पत्थर था हट गया

महफ़िल भी नूर-बार है साक़ी भी ख़ुम ब-दोश
मेरे ही नाव नोश का मेयार घट गया

मंज़िल कहीं मिली न मिली लेकिन ऐ 'रज़ा'
मंज़िल के इश्तियाक़ में रस्ता तो कट गया
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