Parveen Kaif

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Parveen Kaif shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Parveen Kaif's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
ख़ुदा बचाए मोहब्बत की उस बला से भी
कि दर्द-ए-दिल नहीं जाता किसी दवा से भी

जला रखे हैं मिरी ज़िंदगी में साँसों ने
चराग़ ऐसे कि बुझते नहीं हवा से भी

मिरे लिए मिरा अल्लाह कौन सा कम है
मुझे तो काम नहीं है किसी ख़ुदा से भी

चराग़-ए-राह बनाया है तुम ने किस किस को
कभी मिले हो मोहम्मद के नक़्श-ए-पा से भी

हम अपनी जान उसी पर निसार करते हैं
हमें वो क़त्ल करे चाहे जिस अदा से भी

इसी चमन में जो मेरा चमन है मेरा चमन
बहुत से पेड़ मिरे ख़ून के हैं प्यासे भी

सितम किसी पे वो करते नहीं हमारे सिवा
जफ़ा तो है ये मगर कम नहीं वफ़ा से भी

धड़कते शेर सुने हम ने बिन्त-ए-'कैफ़' से आज
मिले हम एक मोहब्बत की शाएरा से भी
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फ़ैसले की उस घड़ी का इल्तवा अच्छा लगा
एक रिश्ता टूटने से बच गया अच्छा लगा

जान-ए-मन जान-ए-वफ़ा ख़त में लिखा अच्छा लगा
दूर से उस ने मुझे अपना कहा अच्छा लगा

मैं ने ग़म की धुन भी छेड़ी और ख़ुशी का राग भी
तुम बताओ गीत मेरा कौन सा अच्छा लगा

मुझ में क्या जौहर मिरे टूटे हुए आईने को
आज उस ने चाँद का टुकड़ा कहा अच्छा लगा

एक दिन आई तो फिर वापस न तन्हाई गई
मेरे उजड़े घर में उस को जाने क्या अच्छा लगा

दिल न छोड़ेगा ज़िदें ये तो वो बालक है जिसे
इक खिलौना मिल गया तो दूसरा अच्छा लगा

पेश कर दीं मैं ने फ़िक्र-ओ-फ़न की तस्वीरें हज़ार
ख़ुद पसंदों को मगर इक आईना अच्छा लगा

चाँदनी यादों की थी 'परवीन' आँसू क्यों बहाए
क्या कफ़न पे तुझ को मोती टाँकना अच्छा लगा
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