मुझे तुझसे मोहब्बत हो न जाये
बुढ़ापे में फ़ज़ीहत हो न जाये
जो आये हो तो साँसे चल रहीं हैं
तेरे जाने से दिक़्क़त हो न जाये
कभी मौका मिले तो हँस लो, गा लो
कहीं रोने की आदत हो न जाये
यक़ी टूटा है दिल टूटा नहीं है
सँभल जाओ कि नफ़रत हो न जाये
हमारा मूड अब बनने लगा है
कि ऐसे में शरारत हो न जाये
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