Uzma Naqvi

Uzma Naqvi

@uzma-naqvi

Uzma Naqvi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Uzma Naqvi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
  • Nazm
तेरे आसार मिटाने में बहुत देर लगी
ख़ुद को इस पार बुलाने में बहुत देर लगी

तू मिरी ज़ात का खोया हुआ हिस्सा है कोई
तुझ को ये बात बताने में बहुत देर लगी

ज़िंदगी जिस की हर इक ताल पे करती है धमाल
दिल के वो तार बजाने में बहुत देर लगी

आईना मुझ को यूँ देखे कि सिमटती जाऊँ
तेरे रंगों को बहाने में बहुत देर लगी

जिस की ता'बीर में बे-शक्ल निखर जाते हैं
मुझ को उस ख़्वाब के पाने में बहुत देर लगी

रात फिर हिज्र के तकिए पे किए गेसू दराज़
रात फिर ख़ुद को सुलाने में बहुत देर लगी

कितने बिखरे हुए रंगों में मिली है फ़ुर्क़त
मुझ को ये रिज़्क़ उठाने में बहुत देर लगी

वस्ल के ख़्वाब मिरी नस्ल ही अब देखेगी
हिज्र में रास्ता पाने में बहुत देर लगी
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Uzma Naqvi