दूरी है मंज़ूर उसको
कर दे फिर अब दूर उसको
ख़ुद को ही बदनाम करके
क्यों किया मशहूर उसको
इस अना ने अपनी ख़ातिर
कर दिया महजूर उसको
टूटे दिल मालूम तो हो
दुनिया का दस्तूर उसको
अब जुदा मग़मूम है क्यों
होना था मसरूर उसको
छीन लो बीनाई मेरी
करना है बे-नूर उसको
शिर्क में था वो ख़ुदाया
करता क्यों मग़्फ़ूर उसको
"ज़ान" फिर भी पिघले ये दिल
देखे जब मजबूर उसको
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