"तुम्हारे बिना"
एक पल में हमें छोड़ना वो तिरा,
क्यों हमें हमसे ऐसे अलग कर गया
दूर हमको किया और सोचा नहीं,
वो दिवाना बचा या बिखर मर गया
जो तुम्हें चाहता पागलों की तरह,
वो विरह को बचे बिन सहेगा नहीं
जो सपन था सजाया तुम्हारे लिए,
वो तुम्हारे बिना तो रहेगा नहीं
एक जीवन बनाने चले हम जहाँ
राह में तो मरण से ही सजना पड़ा,
प्रेम पाने को जीवन बनाना व था
प्रेम पाने में पर प्रेम त्यजना पड़ा
चोट दिल पर लगी तो लगी क्या करें,
पर किसी से हृदय अब कहेगा नहीं,
जो सपन था सजाया तुम्हारे लिए,
वो तुम्हारे बिना तो रहेगा नहीं
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