अहबाब मेरा कितना ज़ियादा बदल गया
तू पूछता है मुझ से भला क्या बदल गया
अब तू तड़ाक करता है वह बात बात पर
अब उस के बात चीत का लहजा बदल गया
क़ुर्बत में उस के अच्छे से अच्छे बदल गए
जो मैं भी उस के पास जा बैठा बदल गया
पहले तो साथ रहने की हामी बहुत भरी
फिर एक रोज़ उस का इरादा बदल गया
लैला बदल गई तो गई साथ साथ ही
मजनूँ बदल गया ये ज़माना बदल गया
तस्वीर अर्से बाद बदलती है सब्र रख
ऐसा नहीं न होता कि सोचा बदल गया
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