ख़ुद फ़लक से हो उतारा नैन तेरे
जो ख़ुदा ने हो सँवारा नैन तेरे
वादियाँ कितनी हसीं के जन्नती दिख
हम-नशीं ऐसा नज़ारा नैन तेरे
ख़्वाइशें होती मुकम्मल, तो समझ लो
आसमाँ का गिर सितारा, नैन तेरे
मुफ़्लिसी छाई, पता दो तुम ख़ुदा का
जो नहीं मिल, फ़िर सहारा नैन तेरे
प्यास है कबसे लगी मुझको, मिटा दे
इक समंदर का किनारा, नैन तेरे
चैन मिलता है कहाँ, कोई बताए
पास है जिसने पुकारा, नैन तेरे
के ख़बर हमको हमारी भी नहीं है
हाल पूछे जो हमारा, नैन तेरे
मय-कशी से अब मिरी हालत बुरी है
दे बुलाने का इशारा नैन तेरे
लुट चुके है हम, बचा कुछ भी नहीं है
कर दिया किसने ख़सारा? नैन तेरे
राइगाँ सब कुछ यहाँ, हर चीज़ छोड़ा
बस नहीं था जो नकारा, नैन तेरे
ज़िंदगी का राज़ बस इतना कहेंगे
यार जीने का गुज़ारा नैन तेरे
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