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Zain Aalamgir
Zain Aalamgir
फ़रमान था, कलमा पढ़े
पर नाम तेरा ले मरा
Top 10 of Zain Aalamgir
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Nazm
चुप रहेंगे या कहेंगे और तो ग़म क्या सहेंगे
रक्त अपनों के बहेंगे और मरहम क्या लगेंगे
जानते हैं वो सियासत के बड़े उम्दा खिलाड़ी
पर मुक़ाबिल पा हमें पूछेंगे "अब हम क्या करेंगे
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Zain Aalamgir
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हमको हमसा ऐब तुझमें भी दिखा था
लब ना कहते, आँख में पर हाँ लिखा था
Zain Aalamgir
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पहली दफ़ा जब जाम होटों से लगाया तो लगा
लब के तिरे होते हुए मय की तलब थी ही नहीं
Zain Aalamgir
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ज़िन्दगी बर्बाद होती है ख़ुशी को ढूँढ़ते
गर निकलते ढूँढ़ने दुःख को, मिली होती ख़ुशी
Zain Aalamgir
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ये दिल फ़िर हम किससे लगाएंगे
जब दिल से किनारा कर आएंगे
Zain Aalamgir
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दो-चार मिसरे जो लिखे, सब मिट गए
किरदार सारे ही कहानी के मरे
Zain Aalamgir
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ये हक़ीक़त और ये उम्मीद, यकसाँ क्यों नहीं है
मुफ़लिसी जब हो मुक़द्दर, चल रही साँसे सज़ा हो
Zain Aalamgir
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ये लोग जो मरते दिखे तुझपर यहाँ
मरते नहीं क्यों ये तिरी ख़ातिर बता
Zain Aalamgir
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ये शहर शोर-शराबा बहुत सुनाता है
मगर पुकारूँ किसे तो सुकूत काफ़ी है
Zain Aalamgir
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अलविदा क्यों कर रहे चेहरे सभी इक दूसरे को
था कभी मक़सद बने सब आईना इक दूसरे का
Zain Aalamgir
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बड़े ही अजब दौर का हूँ खिलाड़ी
जहाँ जीत पायी, वहीं मात भी थी
Zain Aalamgir
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उम्मीद से हक़ीक़त कुछ कम बुरी लगेगी
ग़र आँख में रखोगे, हर दम नमी लगेगी
Zain Aalamgir
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था सब मेरे उन झूठ में "तुमसे मोहब्बत" आख़िरी
पर उससे मिलने पर मेरा पहला रहा सच भी यही
Zain Aalamgir
1
उठती मिरी तलवार दुश्मन की तरफ़ फिर रुक गई
दुश्मन कि माँ ने तब पुकारा जंग में बेटा मुझे
Zain Aalamgir
1
ख़्वाब ख़ातिर है मयस्सर ना जगह भी, क्या करू मैं
आँख में हर वक़्त रहता है समंदर आँसुओं का
Zain Aalamgir
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'कुन' तलक आ यहाँ रुकेगा सब
ना तिरा कुछ रहे, न मेरा कुछ
Zain Aalamgir
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फ़र्क़ 'मुझमें' और 'तुझमें' का यहाँ
बस 'हमारा' बन मिटेगा ये सनम
Zain Aalamgir
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यार बात करता मेरी, अजीब सा है वो
याद तो दिलाओ के जन्म-दिन उसी का है
Zain Aalamgir
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मोहब्बत को किया हूँ क़ैद, चौकीदार मैं उसका
उलट था पर, मोहब्बत मुझ क़फस बाहर पे रख नज़रें
Zain Aalamgir
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उजलत नहीं करना, किसी मंज़िल लिए
मंज़िल कहीं पाने बहुत हो देर ना
Zain Aalamgir
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