सताके गली से गुज़रने लगा है
ये मन पहले जैसे ही मरने लगा है
मुझे नींद गहरी दिलाकर गया ख़ुद
किसी और के घर सॅंवरने लगा है
बताया हुआ काम करता नहीं है
वो बिन कुछ कहे काम करने लगा है
कभी जो रहा बनके रहबर हमारा
वही वक़्त देखो बिखरने लगा है
किसी से शिकायत नहीं करता है दिल
वो सोहबत से मेरी सुधरने लगा है
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