जिनपे अच्छी ख़ासी दौलत होती है
लड़की को उनसे मुहब्बत होती है
सिर्फ़ सूरज ही बता सकता है ये
जुगनुओं में कितनी हिम्मत होती है
मेरे कमरे में तो अब आठों पहर
बस उदासी की सदारत होती है
जिसको तुम चाहो वो चाहे तुमको ही
सौ में इक की ऐसी क़िस्मत होती है
उसके दो दो तिल हैं वो भी होंठ पर
कुछ पे ही क़ुदरत की नेमत होती है
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