जो तेरा ग़म हमारा हो गया है
हमें कितना सहारा हो गया है
हमें देखा है तुम ने मुस्कुरा कर
यूँ इक रौशन सितारा हो गया है
लिया है नाम तुम ने इस अदा से
हमें सब कुछ बिसारा हो गया है
जो ख़ुद की खोज में अबतक लगा है
वो कैसे फिर तुम्हारा हो गया है?
उसे पाते हुए खोया है हमनें
मुनाफ़े में खसारा हो गया है
कोई भी खौफ़ अब बाक़ी नहीं है
कि जब से वो हमारा हो गया है
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