राह में पलकें बिछाकर टकटकी की जाएगी
आप आएँगे तो घर में रौशनी की जाएगी
ज़िन्दगी भर ज़ख़्मों की बख़िया-गरी की जाएगी
शाइरी की जा रही है शाइरी की जाएगी
ज़िन्दगी के साथ भी और ज़िन्दगी के बाद भी
चाहने वालों की आँखों में नमी की जाएगी
पहले तुमको इश्क़िया बातों से बहलाएगा वो
फिर तुम्हारे साथ में धोखाधड़ी की जाएगी
यूँ तो अच्छे लग रहे हैं आप लेकिन आपसे
इश्क़ तो क्या ही करेंगे दोस्ती की जाएगी
दिल नहीं, बोसा नहीं तो फोन नम्बर दीजिए
दिन ढले सँझा तले कुछ बात ही की जाएगी
आइये नज़दीक और आँखों में आँखें डालिए
आज आँखों-आँखों में ही गुदगुदी की जाएगी
पहले उसकी मखमली आँखों को चूमा जाएगा
फिर मुसलसल जिस्म से वाबस्तगी की जाएगी
आजकल पेपर हमारे चल रहे हैं इसलिए
इश्क़बाजी की ये बातें फिर कभी की जाएगी
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