अवगुण श्याम सलोने में
जैसे ख़ुशबू सोने में
उसकी ख़ुशबू फैली है
घर के कोने कोने में
जब भी रोना आता है
छुप जाते हैं कोने में
पाना थोड़ा मुश्किल है
आसानी है खोने में
बारिश ख़ुद ही भीग गयी
मुझको यार भिगोने में
आधा दिन तो बीत गया
बस मुँह को ही धोने में
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