ये कभी सोचा नहीं था आप भी ऐसा करेंगे
जब बिछड़ जाएंगे हमसे तो हमें रुसवा करेंगे
बोल तो देते हैं गुस्से में कि "तुम जाओ यहां से"
बाद में फिर सोचते हैं ये हुआ तो क्या करेंगे?
उसके झगड़े पे कभी गर डांट दूं तो बोलता है
आप से है प्यार तो फिर किससे हम झगड़ा करेंगे
एक चेहरा जो कि हमसे ना कभी भी बन सका है
एक चेहरा वो कि जिसको उम्र भर सोचा करेंगे
तेरी जानिब जब रहेंगी महफ़िलों की सब निगाहें
अपनी आंखों से तेरे चेहरे पे हम पर्दा करेंगे
है समझना आपको तो शे'र से इज़हार समझें
बात कहने को भला हम फूल क्यों तोड़ा करेंगे
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