वो पल जो बीता कल है उस की ये रवानी याद कर
क़िस्सा-कहानी ही ख़ुशी थी वो जवानी याद कर
बढ़ती थी आँसू से मुहब्बत वो कहानी याद कर
इक दूजे में लिपटी-समाई ज़िंदगानी याद कर
आँचल तेरा वो हाथ मेरा खींचा-तानी याद कर
वो हँसना-रोना फिर झगड़ना वो दिवानी याद कर
रूठी हुई को फिर सताना छेड़ा-खानी याद कर
चिढ़ते हुए वो कुलबुलाना वो बयानी याद कर
वो इश्क़ की मदहोशियों के दिन रुमानी याद कर
यूँ अलविदा कहने से पहले सब निशानी याद कर
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