हर गली में बात ये मशहूर है - Harsh Raj

हर गली में बात ये मशहूर है
भेष में इंसान के तू हूर है

कुछ नहीं पाने को बचता और जब
वो हसीना ज़िन्दगी की नूर है

उस से जब भी बात होने लगती है
फिर नहीं लगता सफ़र अब दूर है

तुम रगड़ लो नाक चाहे जितना भी
होगा वो जो लिक्खा बा-दस्तूर है

इक तरफ़ हर शै से दिक्कत है तुम्हें
इक तरफ़ कहते हो सब मंज़ूर है

मैं उसे दिल देने को तैयार हूँ
ख़र्चने पे मुझको जो मग़रूर है

- Harsh Raj
0 Likes

More by Harsh Raj

As you were reading Shayari by Harsh Raj

Similar Writers

our suggestion based on Harsh Raj

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari