मुझ को तुम बेवफ़ा समझते हो
ख़ैर कुछ तो भला समझते हो
इश्क़ तौफीक़ है मगर इक तुम
इश्क़ को मसअला समझते हो
हू-ब-हू 'जौन' की सी हालत है
जौन वो 'एलिया' समझते हो
खु़द को बर्बाद करना पड़ता है
इश्क़ का क़ाइदा समझते हो
कोई आ कर के ले गया उस को
यानी कि तीसरा समझते हो
इश्क़ तुम को मज़ाक़ लगता है
तुम मोहब्बत को क्या समझते हो
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