कई लोगों से बेहतर हँस रहा है - Tanoj Dadhich

कई लोगों से बेहतर हँस रहा है
अगर तू अपने ऊपर हँस रहा है

दशानन के अहम को तोड़कर के
बहुत छोटा सा बंदर हँस रहा है

मुझे कोई नहीं ख़त भेजता अब
मेरी छत का कबूतर हँस रहा है

मुक़द्दर पर ये मेहनत हँस रही है ?
या मेहनत पर मुक़द्दर हँस रहा है ?

हज़ारों ग़म हैं उसकी ज़िन्दगी में
मगर फिर भी सुख़न-वर हँस रहा है

कहा मैंने कि दुनिया जीतनी है
न जाने क्यों सिकन्दर हँस रहा है

- Tanoj Dadhich
26 Likes

More by Tanoj Dadhich

As you were reading Shayari by Tanoj Dadhich

Similar Writers

our suggestion based on Tanoj Dadhich

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari