वो भी हमको मिल गया है क्या सितम है
ग़म ही ग़म है क्या ही क्या है क्या सितम है
देख ले इक मर्तबा तेरी तरफ़ जो
रात दिन माँगे दुआ है क्या सितम है
ज़िंदगी मेरी कहीं बस बीत जाए
बे वफ़ा तो हो गया है क्या सितम है
आज कल घर से निकलते ही नहीं हो
यार तुमको क्या हुआ है क्या सितम है
इश्क़ तेरा ज़हर सा होने लगा है
ज़हर ही मेरी दवा है क्या सितम है
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