"एक और साल गुज़र गया"
एक और साल गुज़र गया
कोई हँस दिया
कोई रो लिया
किसी ने आँसुओं से
मुँह धो लिया
एक और साल गुज़र गया
कोई मंज़िल तक गया
कोई रहगुज़र में ठहर गया
कोई अपने घर गया
कोई पहुँच गया पहाड़
तो कोई दूर समंदर गया
एक और साल गुज़र गया
कोई ज़िंदगी से लड़ता रहा
कोई ज़िंदगी से थक गया
कोई थक कर भी चलता रहा
और कोई मौत संग रुक गया
एक और साल गुज़र गया
किसी ने ज़मीं से आसमाँ देखा
किसी ने आसमाँ से ज़मीं
कोई ख़ुशी ख़ुशी रहा
कुछ को नसीब हुई नमी
ज़िंदगी है
कभी अच्छा कभी बुरा पहर गया
एक और साल गुज़र गया
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