मुझे तुम पूछते हो प्यार क्या है
बता आख़िर बला ये यार क्या है
कि सारी देखने की बात है बस
भला गुल और फिर यह खा़र क्या है
कि ख़ुदको ज़र्फ़ वाला मानते हो,
बता यह पीठ पर फिर वार क्या है
बता कब देखता है इश्क़ हालत,
भला मुश्ताक़ या बेज़ार क्या है
कहा था याद आओगे न तुम फिर,
ये दिल में यार हाहाकार क्या है
कि ख़ुद ही कर खफ़ा वो प्रिंस हमको
वो ख़ुद ही पूछते हैं सार क्या है
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