हर एक लफ़्ज़ में जादू है तेरी निस्बत से
यही वजह है तुझे चाहते हैं शिद्दत से
तेरे ये गाल ये गेसू जवाँ जवाँ यौवन
निगाह-ए-नाज़ तुझे देखते हैं हसरत से
ज़रा ठहर न सके थे तो मुतमइन करते
भले ही हार गया हूँ मैं अपनी क़िस्मत से
बड़े सलीके से तोड़ा था तू ने दिल मेरा
कि दिल तो दिल है जिगर काँपता है हैरत से
अमर तो कुछ भी नहीं है हमीद दुनिया में
कमा लो कुछ तो यहाँ नेकियाँ मुहब्बत से
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