ग़मज़दा हूँ ज़रा दवा भेजो

  - Dharamraj deshraj

ग़मज़दा हूँ ज़रा दवा भेजो
वर्ना यारब मुझे बुला भेजो

की दुआ माँ से उस जहाँ से मुझे
अपने जैसा कोई ख़ुदा भेजो

ख़त लिखा और इल्तिज़ा ये की
दर्द भेजो तो अलहदा भेजो

फिर नए सब्ज़ो-बाग़ ही लिखकर
मुझको जीने का आसरा भेजो

सुर्ख़ मौसम जला न दे यारब
फूल , ख़ुश्बू नई हवा भेजो

ख़त लबों से ज़रा- ज़रा छूकर
एक लम्हा ही ख़ुशनुमा भेजो

ऐब मेरे 'धरम' नज़र आएँ
मुझको ऐसा इक आईना भेजो

  - Dharamraj deshraj

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