तेरी पूरी हर इक हसरत करूँगा मैं
जो हो क़ीमत अदा क़ीमत करुँगा मैं
लकीरें हाथ की सारी मिटा दूँगा
फिर अपने हाथ से मेहनत करूँगा मैं
अभी छोड़ो अगर है छोड़ना मुझको
नहीं तो कल बहुत दिक़्क़त करूँगा मैं
कोई तुझपर अगर उँगली उठाएगा
रखेगा याद वो हालत करूँगा मैं
कोई रह तो ले सारी उम्र मेरे साथ
मगर इस बात पे हैरत करूँगा मैं
मेरा दिल तोड़ दो और शौक़ से तोड़ो
प टूटे दिल से फिर गफ़लत करूँगा मैं
मेरे तो नाम तक में 'इश्क़' आता है
किसी से क्या भला नफ़रत करूँगा मैं
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