मेहनत से चलेगा घर आराम नहीं करना - Vikas Shah musafir

मेहनत से चलेगा घर आराम नहीं करना
कुछ भी हो ग़रीबी को  बदनाम नहीं करना

मुझको नहीं पड़ना है धोखे में किसी के अब
अब काम मुझे कोई सरसाम नहीं करना

बनना है बनो अम्बर इन बिछड़े  परिंदों का
कुछ भी करो लफ़्ज़ों को पादाम नहीं करना

क्या सोच के लड़की ने मुझसे ये कहा होगा
करना है जो भी कर लो कोहराम नहीं करना

पल पल में  बदलती है वो इश्क़ जताती है
पल पल में वो कहती है बदनाम नहीं करना

- Vikas Shah musafir
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