हम तो बस तुम को अर्ज़ियाँ देंगे
आप हैं हम को दूरियाँ देंगे
दर्द देंगे अज़ाब देंगे वो
और क्या हम को वो मियाँ देंगे
सामने से करेंगे तारीफ़ें
और पीछे वो गालियाँ देंगे
पाँव नीचे ज़मीं खिसक जाए
ऐसी अख़बार सुर्खियाँ देंगे
अब न घड़ियाँ लिबास देंगे हम
तुझ को तोहफ़े में बालियाँ देंगे
देंगे ये अहल-ए-जुर्म को राहत
बे-क़ुसूरों को फाँसियाँ देंगे
अपने छोटों की तुम करो इज़्ज़त
ये ही तुम को बुलंदियाँ देंगे
आओ अब और क़रीब आ जाओ
एक दूजे को गर्मियाँ देंगे
ग़ैर क्या देंगे मेरे बारे में
तुझ को बस बद-गुमानियाँ देंगे
दिन मोहब्बत के जूँ-जूँ गुज़रेंगे
और ज़्यादा ये सख़्तियाँ देंगे
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