गम आँसू शोला और दरिया रखना है
एक तरफ बाकी सब दुनिया रखना है
गई रातों की नींद मुकम्मल करनी है
अब तेरे बाजू को तकिया रखना है
रिश्ता टूट गया वरना ये तय हुआ था
अपनी बेटी का नाम निया रखना है
बाहर ही नहीं अब तो अपने अंदर भी
रोशनी करनी है , एक दिया रखना है
As you were reading Shayari by Nirvesh Navodayan
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