वो इक तुम्हारा कमरा गर खाली है

  - Nirvesh Navodayan

वो इक तुम्हारा कमरा गर खाली है
फिर मेरे खातिर सारा घर खाली है

लानत है और हैरत ऐसे दिल पर के
भारी भारी रहता है पर खाली है

मैं कैसे बैठूँ उसके बाजू , कि जगह
न इधर खाली है ना ही उधर खाली है

  - Nirvesh Navodayan

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