हाँ मेरी आरज़ू है ग़ज़ल - Nityanand Vajpayee

हाँ मेरी आरज़ू है ग़ज़ल
हुस्न के रू-ब-रू है ग़ज़ल

रूह के अक्स का अक्स है
नज़्म की आबरू है ग़ज़ल

मखमली बोल तेरे लिए
बन गई नव-बधू है ग़ज़ल

मैं जहाँ में बचा हूँ न जब
तब हुई कू-ब-कू है ग़ज़ल

आइने की तरह साफ़-गो
दिल की इक जुस्तज़ू है ग़ज़ल

जो मेरे नफ़्स में थी बसी
बस वही हू-ब-हू है ग़ज़ल

'नित्य' अल्फ़ाज़ भर ही नहीं
मेरे दिल का लहू है ग़ज़ल

- Nityanand Vajpayee
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