ये वो शय है जो बहुत ही ख़राब होती है
कौन कहता है कि ये लाजवाब होती है
किसने पीकर इसे पाई हैं ज़न्नतें बोलो
ये जहन्नुम से भी बदतर अज़ाब होती है
डूबती क्यों हैं नई नस्लें जाम में अक्सर
ये कहाँ इश्क़ का दिलकश लुबाब होती है
तुझको पीना है तो आँखों से पी लिया कर यार
इश्क़ को हुस्न ही बेहतर शराब होती है
'नित्य' दिल खोल तलफ़्फ़ुज़ में बाँध ले इसको
शाइरी हुस्न का महका गुलाब होती है
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