नहीं समझो ज़रा सा इश्क़ हूँ मैं

  - Sohil Barelvi

नहीं समझो ज़रा सा इश्क़ हूँ मैं
यक़ी मानो सरापा इश्क़ हूँ मैं

ख़ुदा से मैं ख़ुदा मुझ से जुड़ा है
तो ये मतलब ख़ुदा का इश्क़ हूँ मैं

ब-वक़्त-ए-शाम अक्सर सोचता हूँ
तेरा कितना पुराना इश्क़ हूँ मैं

मेरे सुख दुख तो बस तुझ से जुड़े हैं
तुझे है नाज़ तेरा इश्क़ हूँ मैं ?

मेरी पाकीज़गी को यूँ समझ लो
किसी पर्वत से उतरा इश्क़ हूँ मैं

मुझे ख़ुद से जुदा कैसे करेगा
तिरे दिल में समाया इश्क़ हूँ मैं

  - Sohil Barelvi

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