याद से अब उस की राहत चाहता है
मेरा दिल भी अब रफ़ाक़त चाहता है
हां करो कोई मोहब्बत अब मुझे भी
मेरा दिल भी अब मरम्मत चाहता है
हो मुलाकातें मोहब्बत में किसी से
मेरा दिल भी यार उलफ़त चाहता है
इश्क़ की तुम को इज़ाजत है मगर दिल
लड़की दिल से ख़ूबसूरत चाहता है
है भला कैसी क़यामत यार लड़की
दिल जो था मसरूफ़ फ़ुर्सत चाहता है
चाहता हूं मैं मोहब्बत हो किसी से
दिल मोहब्बत से ही फ़ुर्क़त चाहता है
ख़्वाब को कोई हक़ीक़त में बदल दे
मेरा दिल भी अब मसर्रत चाहता है
कैद से उसकी ज़मानत कब मिलेगी
मेरा दिल भी तो ज़ियारत चाहता है
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