जब तलक देता नहीं वो दाइमी नाम - Viru Panwar

जब तलक देता नहीं वो दाइमी नाम
रख दो तब तक मेरा कोई आरज़ी नाम

शायरी सोचें या तस्वीरें बनाऍं
याद आते हैं कभी चेहरे कभी नाम

नाम से मुझ को बुलाना कब है उस ने
सो नहीं रक्खो मेरा तुम कोई भी नाम

भूल बैठा एक दिन वो नाम मेरा
और उसी दिन से नहीं मेरा कोई नाम

तू बुलाती थी मुझे जिन नामों से यार
याद हैं मुझ को अभी तक वो सभी नाम

जो कभी सोचे थे मेरे साथ मिल कर
उस ने रक्खे अपने बच्चों के वही नाम

कोई पागल कहता है तो कोई शायर
जानता कोई नहीं मेरा सही नाम

- Viru Panwar
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