कमाने की अपनी ज़रूरत के पीछे
सभी दौड़ते हैं मुसीबत के पीछे
अभी चाहिए और कितनी बुलन्दी
की सहमा है सूरज इमारत के पीछे
तिरंगे में लिपटे हज़ारो सिपाही
मिटे हैं वतन की हिफ़ाज़त के पीछे
पिता ने कमाया था बेटे की खातिर
उड़ाया गया सब बुरी लत के पीछे
वकीलों से पूछो सबूतों की गिनती
ख़रीदे गए जो अदालत के पीछे
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