एक वक़्त से यारों की दिल्लगी चल रही हैं
जिस तरह से भी चले ज़िन्दगी चल रही हैं
तू बता क्या रुख हैं हवाओं का तेरे यहाँ
हमारे यहाँ तो बस हल्की-हल्की चल रही हैं
ये वक़्त हैं की चाहो तो ख़रीद लो मकाँ मेरा
इस वक़्त मेरे सामने एक बेबसी चल रही हैं
मेरे दोस्तों के दुश्मनों से ताउम्र मेरी दुश्मनी
मेरे दुश्मनों से दोस्तों की, दोस्ती चल रहीं हैं
जिनके महफ़िलों में मेरे नाम पे भी पाबंद हैं
उनके महफ़िलों में मेरी शायरी चल रही हैं
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