वो ले रखा था जो कर्ज़ा उधार नैनों ने
उतार डाला है रोकर वो यार नैनों ने
हमारे साथ वही हादसा हुआ फिर से
बना लिया हमें फिर से शिकार नैनों ने
सज़ा-ए-मौत भी कम होनी चाहिए इनको
किए हैं क़त्ल भी तो बेशुमार नैनों ने
कहा न कुछ भी किसी ने, समझ गए लेकिन
किया था नैनों का यूँ ऐतबार नैनों ने
बदल दिया है इन्हें अब उसी ने दरिया में
समझ लिया था जिसे ग़म-गुसार नैनों ने
नए नए थे जो झाँसे में आ गए हैं वो
इरादे जान लिए जानकार नैनों ने
अभी भी मौका है बच जाओ फिर न कहना तुम
कि ज़द में ले लिया है धार-दार नैनों ने
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